ISRO Mission 2023 GK | Gaganyaan, Aditya L-1, NISAR Mission, Mangalyaan Questions PDF

ISRO Mission 2023 – इसरो ने न केवल सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 मिशन को लांच किया बल्कि भारत देश को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाने वाले पहले देश का दर्जा भी दिलवाया| भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने अन्य स्पेस एजेंसियों की तुलना में काफी कम बजट के साथ कई महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित किये हैं | इस आर्टिकल में हम इसरो के आगामी 6 महत्वपूर्ण मिशन (ISRO Mission 2023) “आदित्य L-1”, “NISAR मिशन”, “गगनयान मिशन” “SPADEX”, “मंगलयान 2” व “शुक्रयान मिशन” के बारे में पढेंगे| अगर आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़िए|

Download PDF – चन्द्रयान 3 मिशन GK Hindi

Upcoming ISRO Mission 2023

ISRO Mission 2023 भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा 6 स्पेस मिशन प्रस्तावित हैं तथा इनके नाम व लांच किये जाने का अनुमानित समय निम्न तालिका में दिया गया है|

क्र.सं.मिशन का नामअनुमानित समय/वर्ष
1.आदित्य L-1 मिशन2 सितम्बर, 2023 (Launched)
2.NISAR मिशन2024
3.SPEDX मिशन2024
4.गगनयान मिशन2024-25
5.मंगलयान 2 मिशन2025
6.शुक्रयान मिशनदिसंबर 2024

अब हम इसरो के सभी आगामी मिशन के बारे में डिटेल में पढेंगे|

आदित्य L-1 मिशन (Aditya L-1 Mission)

ISRO Mission 2023 इसरो के द्वारा सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य L-1 मिशन प्रस्तावित है तथा सूर्य के लिए यह भारत का पहला मिशन होगा|

  • भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के द्वारा 2 सितम्बर 2023 को दोपहर में 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से PSLV-XL (C57) की सहायता से आदित्य L-1 मिशन को लांच किया गया|
  • आदित्य L-1 मिशन लांच होने के 4 माह बाद लैगरेंज बिंदु के पास होलो ऑर्बिट में पहुंचकर सूर्य का अध्ययन करेगा|
  • लैगरेंज-1 बिंदु पृथ्वी से 15 लाख किमी की दूरी पर स्थित है|
  • लैगरेंज बिंदु वह स्थान है जहाँ पर सूर्य पर ग्रहण का प्रभाव नहीं होता है तथा इस स्थान से सूर्य हमेशा दृश्यमान होता है|

आदित्य L-1 मिशन के इक्विपमेंट

सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य L-1 में 7 इक्विपमेंट होंगे तथा इनके नाम निम्नलिखित हैं|

  1. SUIT – Solar Ultraviolet Imaging Telescope
  2. PAPA – Plasma Analyser Package for Aditya
  3. HEL1OS – High Energy L1 Orbiting X-ray Spectrometer
  4. VELC – Visible Emission Line Coronagraph
  5. ASPEX – Aditya Solar wind Particle Experiment
  6. SoLEXS – Solar Low Energy X-ray Spectrometer
  7. Magnetometer
Aditya L-1 Mission Payloads
Aditya L-1 Mission Payloads

आदित्य L-1 मिशन के उद्देश्य

आदित्य L-1 मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं|

  • सूर्य के सतह व कोरोना के मध्य तापमान में अंतर का पता लगाना
  • सूर्य के ऊपरी वातावरण से निकलने वाली सौर्य वायु में तीव्रता का पता लगाना
  • अल्ट्रावायलेट सौर्य विकिरण की उत्पत्ति का पता लगाना व उसकी जाँच करना
  • सूर्य के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर, कोरोना व चुम्बकीय क्षेत्र का परीक्षण करना

NISAR Mission

ISRO Mission 2023 NISAR का पूरा नाम “NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar” है|

  • NISAR मिशन भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो व अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का एक संयुक्त प्रोजेक्ट है|
  • NISAR मिशन जनवरी 2024 में आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से GSLV Mk II राकेट की सहायता से लांच किया जायेगा|
  • अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित जेट प्रोपल्शन लैब द्वारा NISAR सैटेलाईट को तैयार किया गया है|
  • NISAR मिशन का अनुमानित खर्च लगभग $1.5 बिलियन है| जिसमे नासा 6000 करोड़ जबकि इसरो 778 करोड़ रूपये खर्च करेगा तथा यह विश्व की सबसे महँगी अर्थ इमेजिंग सैटेलाईट होगी|
  • NISAR सैटेलाईट को पृथ्वी की सतह से 747 किलोमीटर की ऊँचाई पर पृथ्वी की कक्षा में तैनात किया जायेगा, जहाँ से यह सैटेलाईट प्रत्येक सप्ताह पृथ्वी की एक नई तस्वीर भेजेगा|

NISAR मिशन का उद्देश्य

  • NISAR मिशन को पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे बदलावों की निगरानी के लिए लांच किया जायेगा|
  • निसार सैटेलाईट भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, समुद्रों के जलस्तर में परिवर्तन, बर्फ का पिघलना, चक्रवात आदि से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराएगा|
  • निसार सैटेलाईट पृथ्वी की सतह पर होने वाले छोटे-छोटे बदलाव की भी जानकारी उपलब्ध कराएगा|

SPEDX Mission

ISRO Mission 2023 SPEDX का पूरा नाम “Space Docking Experiment” है|

  • इसरो द्वारा SPEDX मिशन के तहत वर्ष 2024 में दो भारतीय मिनी सैटेलाईट को PSLV राकेट की सहायता से लांच करके उनको आपस में जोड़ा जायेगा|
  • इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत का अंतरिक्ष में स्वयं के स्पेस स्टेशन का निर्माण करना है|
  • भारतीय स्पेस स्टेशन का कुल वजन 20 टन होगा तथा यह माइक्रोग्रेविटी का अध्ययन करेगा|
  • स्पेस स्टेशन के निर्माण के पश्चात यहाँ पर अन्तरिक्ष यात्री 15-20 दिन के लिए रुक सकते हैं|
  • इसरो का अगले 5 से 7 वर्षों में भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने का लक्ष्य है|
  • वर्तमान में विश्व के 3 देश रूस, अमेरिका व चीन स्पेस स्टेशन बना चुके हैं|

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission)

ISRO Mission 2023 वर्ष 2018 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गगनयान मिशन के लांच किये जाने की घोषणा की|

  • भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा वर्ष 2025 में भारत के मानव स्पेस मिशन के तहत गगनयान को लांच व्हीकल माक 3 राकेट की सहायता से लांच किया जायेगा|
  • गगनयान मिशन के तहत इसरो 7 दिनों के लिए 3 अन्तरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजेगा|
  • इस मिशन की कुल अनुमानित लागत 10000 करोड़ रूपये है|
  • गगनयान मिशन के तहत कुल 3 उड़ाने भेजी जाएगी जिसमे से पहली दो उड़ाने मानवरहित होंगी|
  • मानवरहित उड़ानों के दौरान तकनीकी क्षमताओं का विकास, प्रौद्योगिकी व सुरक्षा का परीक्षण करना होगा|
  • इसरो के गगनयान के मानवरहित मिशन के लिए व्योमित्र नामक हाफ हुमनोइड रोबोट को विकसित किया गया है|
  • 22 जनवरी 2020 को बेंगलुरु स्थित ह्यूमन स्पेसफ्लाइट एंड एक्सप्लोरेशन सिम्पोजियम में व्योमित्र को लांच किया गया था|
  • इसरो द्वारा गगनयान मिशन की दूसरी उड़ान के दौरान व्योमित्र नामक महिला रोबोट को भेजा जायेगा|
  • गगनयान मिशन के तहत स्पेस में जाने वाले “गगनॉट्स” को रूस के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है|
  • भारत से पहले सोवियत संघ, अमेरिका व चीन ने इंसानों को सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में भेजा है|

नोट – 12 अप्रैल, 1961 को सोवियत संघ के एस्ट्रोनॉट यूरी गागरिन अन्तरिक्ष में पहुँचने वाले विश्व के पहले व्यक्ति थे|

मंगलयान 2 मिशन (Mars Orbiter 2 Mission)

ISRO Mission 2023 इसरो के द्वारा मंगलयान मिशन के तहत 2024-2025 में मंगलग्रह के लिए दुसरे स्पेस मिशन Mars Orbiter Mission यानिकि मंगलयान 2 को लांच किया जायेगा|

  • इसरो के द्वारा इससे पूर्व 5 नवम्बर 2013 को अपने पहले प्रयास में ही सफलतापूर्वक मंगलयान मिशन को लांच किया गया था|
  • मंगलयान 2 मिशन के तहत इसरो एयरोब्रेकिंग तकनीक के माध्यम से ऑर्बिटर को मंगल ग्रह के और नजदीकी कक्षा में स्थापित किया जायेगा|
  • इस मिशन के तहत इसरो हाइपरस्पेक्ट्रल व पैनक्रोमेटिक कैमरे के माध्यम से मंगल ग्रह के क्रस्ट, बेसाल्ट आदि का अध्ययन करेगा|

शुक्रयान मिशन (Shukrayaan Mission)

ISRO Mission 2023 इसरो द्वारा वर्ष 2024-25 में शुक्र ग्रह के लिए पहला मिशन प्रस्तावित है जिसका नाम वीनस ऑर्बिटर मिशन या शुक्रयान है|

  • शुक्रयान मिशन के तहत इसरो द्वारा एक ऑर्बिटर को शुक्र की कक्षा में भेजा जायेगा जोकि शुक्र ग्रह का अध्ययन करेगा|
  • शुक्रयान मिशन के लिए 16 भारतीय व 7 अंतर्राष्ट्रीय पेलोड शार्टलिस्ट किये गए हैं|

इस आर्टिकल में हमने इसरो के आगामी 6 महत्वपूर्ण मिशन (ISRO Mission 2023) “आदित्य L-1”, “NISAR मिशन”, “गगनयान मिशन” “SPADEX”, “मंगलयान 2” व “शुक्रयान मिशन” के बारे में परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण तथ्यों को पढ़ लिया है| आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा|

 

 

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