Medicine Nobel Prize 2023 Winners Hindi | Chikitsa Nobel Prize 2023 UPSC GK

Medicine Nobel Prize 2023 – 2 अक्टूबर 2023 को कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट में नोबेल सभा द्वारा वर्ष 2023 के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (Medicine Nobel Prize 2023) की घोषणा की गई| वर्ष 2023 में अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल प्राइज के लिए 351 उम्मीदवार हैं। 1901 में जब नोबेल प्राइज की शुरुआत हुई थी, तब से 2023 तक चिकित्सा के क्षेत्र में 227 लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस आर्टिकल में हम वर्ष 2023 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार (Medicine Nobel Prize 2023) के बारे में पढेंगे|

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Medicine Nobel Prize 2023 Winners

Medicine Nobel Prize 2023 | Katalin Kariko and Drew Weissman
Medicine Nobel Prize 2023 | Katalin Kariko and Drew Weissman
  • वर्ष 2023 में हंगेरियन मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कैटलिन कारिकोअमेरिका के ड्रू वीजमैन को मेडिसिन के क्षेत्र में (Medicine Nobel Prize 2023) नोबेल पुरस्कार दिया जायेगा|
  • मैसेंजर RNA टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए कैटरिन कारिको व ड्रु वीजमैन को पुरस्कार दिया गया|
  • कोविड-19 महामारी के दौरान mRNA टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके ही फाइजर, बायो एन टेक व मॉडर्ना ने कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाया था|
  • नोबेल प्राइज में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी लगभग 8.33 करोड़ रुपए का कैश प्राइज दिया जाएगा। यह राशि 10 दिसंबर को विजेताओं को दी जाएगी।

अब हम mRNA टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों के बारे में डिटेल में पढेंगे|

कैटलिन कारिकोः mRNA टेक्नोलॉजी विकसित किया

Medicine Nobel Prize 2023 – कैटलिन कारिको का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को हंगरी में हुआ। कारिको ने कई सालों तक हंगरी की सेज्ड यूनिवर्सिटी में RNA पर काम किया। 1985 में उन्होंने अपनी कार ब्लैक मार्केट में 1200 डॉलर में बेच दी और अमेरिका आ गईं। यहां आकर उन्होंने पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में mRNA टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया।

mRNA की खोज तो 1961 में हो गई थी, लेकिन अब भी वैज्ञानिक इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि इससे शरीर में प्रोटीन कैसे बन सकता है? कारिको इसी पर काम करना चाहती थीं, लेकिन उनके पास फंड की कमी थी। 1990 में पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में कारिको के बॉस ने उनसे कहा कि आप या तो जॉब छोड़ दें या फिर डिमोट हो जाएं। कारिको का डिमोशन कर दिया गया। कारिको पुरानी बीमारियों की वैक्सीन और ड्रग्स बनाना चाहती थीं।

उसी समय दुनियाभर में भी इस बात की रिसर्च चल रही थी कि क्या mRNA का इस्तेमाल वायरल से लड़ने के लिए खास एंटीबॉडी बनाने के लिए किया जा सकता है? 1997 में पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में ड्रू वीसमैन आए।

ड्रू वीसमैन: कैटरिन कारिको की रिसर्च को फंडिंग

Medicine Nobel Prize 2023 – ड्रू वीजमैन मशहूर इम्युनोलॉजिस्ट हैं। ड्रू ने कारिको को फंडिंग की। बाद में दोनों ने पार्टनरशिप करके इस टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया। 2005 में ड्रू और कारिको ने एक रिसर्च पेपर छापा, जिसमें दावा किया कि मॉडिफाइड mRNA के जरिए इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है, जिससे कई बीमारियों की दवा और वैक्सीन भी बन सकती है।

हालांकि उनके इस रिसर्च पर कई सालों तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। 2010 में अमेरिकी वैज्ञानिक डैरिक रोसी ने मॉडिफाइड mRNA से वैक्सीन बनाने के लिए बायोटेक कंपनी मॉडर्ना खोली। 2013 में कारिको को जर्मन कंपनी बायोएनटेक में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अपॉइंट किया गया था।

क्या है mRNA टेक्नोलॉजी?

Medicine Nobel Prize 2023 – mRNA या मैसेंजर-RNA जेनेटिक कोड का एक छोटा सा हिस्सा है, जो हमारी सेल्स (कोशिकाओं) में प्रोटीन बनाती है। इसे आसान भाषा में ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है, तो mRNA टेक्नोलॉजी हमारी सेल्स को उस वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए प्रोटीन बनाने का मैसेज भेजती है। इससे हमारे इम्यून सिस्टम को जो जरूरी प्रोटीन चाहिए, वो मिल जाता है और हमारे शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे कन्वेंशनल वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा जल्दी वैक्सीन बन सकती है। इसके साथ ही इससे शरीर की इम्युनिटी भी मजबूत होती है।

तो इस प्रकार से हमने वर्ष 2023 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के बारे में पढ़ लिया है| आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा|

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